पीएम नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-2 पर आज देश और इसरो के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान प्रयास का नाम है। पीएम ने कहा कि आखिरी कदम पर चंद्रयान चंद्रमा को गले लगाने के लिए दौड़ पड़ा। पीएम ने कहा कि इसरो छोटी असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए। आइए जानते हैं पीएम के संबोधन की बड़ी बातें…
1- मैं आपकी उदासी समझ सकता था, इसलिए ज्यादा देर नहीं रुका। कल रात मैं आपकी मनोस्थिति को समझ रहा था लेकिन असफलता से निराश होने की जरूरत नहीं है।
2 -इसरो अपने आप में कामयाबियों की इनसाइक्लोपीडिया है। इसलिए नाकामयाबियों से घबराने की जरूरत नहीं है।
3 -मैं आपसे प्रेरणा लेने के लिए सुबह-सुबह मैं यहां पहुंचा हूं। मैं आपको ज्ञान क्या दे सकता हूं।
4 -हमारे वैज्ञानिक मक्खन पर लकीर खींचने वाले नहीं बल्कि पत्थर पर लकीर खींचने वाले हैं।
5 -रुकावटों से हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा है। हमें अपने स्पेस प्रोग्राम और वैज्ञानिकों पर गर्व है।
6 -इसरो कभी भी हार नहीं मानने वाली संस्कृति का उदाहरण है। अगर हम शुरुआती दिक्कतों और चुनौतियों से हार जाते तो इसरो दुनिया की श्रेष्ठ ऐजेंसी स्थान नहीं ले पाता। परिणाम अपनी जगह है, अपने वैज्ञानिकों और इंजिनियरों को प्रयासों पर गर्व है।
7 -हर मुश्किल हर कठिनाई हमें कुछ सिखाकर जाती है, इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती है। ज्ञान का सबसे बड़ा शिक्षक है तो विज्ञान है, विज्ञान में विफलता होती ही नहीं है प्रयोग और प्रयास होती है, हर प्रयोग हर प्रयास ज्ञान की नींव रखता है।
8- हमें आपके प्रयास असीम सामर्थ का अहसास दिलाता है, चंद्रयान के सफर का आखिरी पड़ाव, भले ही आशा के अनुकूल नहीं रहा हो, लेकिन हमें ये भी याद रहना होगा, कि चंद्रयान की यात्रा शानदार रही है, जानदार रही है। इस पूरे मिशन के दौरान देश आनंदित रहा है गौरवान्वित महसूस किया। इस समय भी हमारा ऑर्बिटर चांद का चक्कर लगा रहा है।
9 -ये आप ही लोग हैं जिसने पहले प्रयास में मंगल ग्रह पर भारत का झंडा फहराया था, इससे पहले दुनिया में यह उपलब्धि किसी के पास नहीं थी। हमारे चंद्रयान ने ही दुनिया पर चांद पर पानी देने की अहम जानकारी दी।
10- देश को आज ईसरो पर गर्व है.